सोशल मीडिया और ऑनलाइन डेटिंग ऐप्स के इस युग मे धोखे भी बहुत लोग खा रहे हैं. बिना मिले ही लोग एक दूसरे पर विश्वास कर के दोस्ती और रिश्ते बना लेते हैं और इसी विश्वास का धोखेबाज गलत फायदा उठा लेते हैं। हाल ही में समाजसेवी और व्यवसायी रमेश गौर को फिल्म इंडस्ट्री की एक निर्माता ने एक हाई प्रोफाइल वकील के साथ मिलकर फंसाने की नाकाम कोशिश की, जिससे यह मुद्दा चर्चा में आ गया है। सबूत और गवाहों के आधार पर पुलिस ने जाँच को जारी रखा। इतने हार्डकोर फुलप्रूफ प्लान की असफलता के बाद रमेश गौर के दुश्मन बिफर उठे। और क्रॉस एफ़आईआर के न्यायोचित होने के बाद शासन-प्रशासन रमेश गौर के साथ खड़ा हो गया। इसी बीच उस महिला निर्माता के बैक-टू-बैक दो ऑडियो लीक हो गए जिनमें वह रमेश गौर से 20 लाख रुपये की मांग करते हुए सुनी जा सकती है।
हनी ट्रैप दरअसल एक ऐसी चाल है, जिसमें किसी को फंसाने के लिए खूबसूरत महिला का इस्तेमाल किया जाता है। किसी व्यक्ति के बारे में अंदर की जानकारी निकाल कर उसे किसी खास काम के लिए मजबूर किया जाता है या ब्लैकमेल करके पैसे मांगे जाते हैं. अक्सर लोग मीठी बातों और आकर्षण के जाल में फंस जाते हैं। सामने वाले का विश्वास जीतकर उससे प्राइवेट तस्वीरें, वीडियो या जानकारी प्राप्त कर ली जाती है। इसके बाद ब्लैकमेलिंग करके पैसों की मांग करते है।
सपनों के शहर माया नगरी में हनीट्रैप के द्वारा लोगों की दुखती रग पकड़कर उनसे ब्लैकमेलिंग की जाती है. रमेश गौर का ऐसा ही एक मामला है जो अंत तक इस मामले में पुलिस का सहयोग करते रहे। इसी बीच पुलिस ने एक वरिष्ठ अधिकारी के हस्तक्षेप के बाद फिर एक एफ़आईआर दर्ज की। वहीं दूसरी ओर फिल्म इंडस्ट्री का एक कैंप इस मामले को इंडस्ट्री के पिछले कई हनीट्रैप के मामलों से जोड़कर देख रहा है। खैर फ़िलहाल मामला पुलिस जाँच में है। हमारे सूत्र व्यवसायी रमेश गौर से संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं ताकि इस मामले की बाकी सभी कड़ियों को उजागर किया जा सके।
हनी ट्रैप : समाजसेवी और व्यवसायी रमेश गौर को फंसाने की नाकाम कोशिश
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