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आप भी बन सकते हैं राम गोपाल वर्मा की फ़िल्म डेंजरस के साझेदार!

राम गोपाल वर्मा हमेशा‌ से अपने‌ हटके अंदाज़ और अलग तरह के नज़रिए के लिए जाने जाते हैं. बात फिर उनके कैमरा ऐंगल्स की हो या फिर विवादित विषयों पर फ़िल्में बनाने की, राम गोपाल वर्मा का कोई सानी नहीं है. अब राम गोपाल वर्मा ने‌ अपनी जल्द रिलीज होनेवाली फ़िल्म डेंजरस को ब्लॉकचेन पर नॉन-फ़ंजिबल टोकन (NFT) के ज़रिए बेचने का फ़ैसला किया है. इस किसी भी मौजूदा करंसी के इस्तेमाल अथवा क्रिप्टोकरंसी के माध्यम से ख़रीदा जा सकता है.

NFT तेज़ी से बढ़ता ऐसा डिजिटल बाज़ार है, जहां पर किसी भी वस्तु को किसी भी क़ीमत पर ख़रीदा और बेचा जा सकता है. ऐसे में राम गोपाल वर्मा की डेंजरस ऐसी पहली फ़िल्म बन गई है जिसे इस नए तकनीक के इस्तेमाल के माध्यम से रिलीज़ किया जा रहा है.

किसी आम आदमी की भाषा में कहें तो कोई भी शख़्स डेंजर टोकन्स में निवेश कर फिल्म डेंजरस का पार्टनर बन सकता है या फिर फिल्म से जुड़ी पूरी संपत्ति को ही ख़रीदा सकता है. इस संपत्ति का साझेदार बनने के लिए कोई भी व्यक्ति किसी भी मात्रा में टोकन ख़रीद सकता है. ऐसे में किसी शख़्स द्वारा किये गये निवेश के अनुपात में उसे सभी माध्यम से होनेवाली आय को मुनाफ़े के तौर पर लौटाया जाएगा.

सत्या, कंपनी और रंगीला जैसी बेहद लोकप्रिय फ़िल्में बना चुके राम गोपाल वर्मा ने NFT के माध्यम से फ़िल्म को बेचे जाने के

इस क़दम को एक क्रांतिकारी सोच बताया.

राम गोपाल वर्मा कहते हैं, “क्रिप्टो की दुनिया NFT के बाज़ार में अपने‌ प्रवेश को लेकर कहना चाहूंगा कि मनोरंजन से जुड़े किसी भी उत्पाद के कई रूप होते हैं. यहीं पर NFT की अहम भूमिका शुरू होती हैं. इससे अलग-अलग तरह के मनोरंजक उत्पादों को बनाने की दिशा में तेज़ी से प्रगति होगी. इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है कि एक क्रांतिकारी तरीके से मेरे मनोरंजक उत्पाद ब्लॉकचेन के माध्यम से बनाए जाएंगे, उन्हें प्रचारित किया जाएगा और उनकी मार्केटिंग की जाएगी.”

जाने-माने फ़िल्म निर्देशक राम गोपाल वर्मा डिजिटल मीडिया की ताक़त के बारे में कहते हैं, “आज के समय में फ़िल्में जाति, रंग-भेद, सरहदों से पर होती हैं और सभी को एकत्र लाने में सिनेमा का बड़ा योगदान होता है. ऐसे में आज की तारीख़ में कोई भी फ़िल्ममेकर दुनिया के हर तरह के दर्शकों  के लिए इस तरह की फ़िल्में बनाकर उनके सामने पेश कर सकता है. पहले के ज़माने में फ़िल्में देखने के लिए महज़ सिनेमाघर और सैटेलाइट चैनल ही हुआ करते थे. मगर आज फ़िल्में दिखाने के लिए और भी कई तरह के माध्यम मौजूद हैं. ऐसे में तमाम फ़िल्मकार लगातार इस दुविधा से गुज़र रहे हैं कि आख़िर तेज़ी से बदलती टेक्नोलॉजी के साथ कैसे क़दम मिलाया जाए. लेकिन ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी ने इस समस्या का समाधान कर दिया है. अब दर्शक बड़े पैमाने पर एक नये इको-सिस्टम से जुड़कर फ़िल्मों का लुत्फ़ उठा सकते हैं. हम ब्लॉक के विकेंद्रीकरण पर ज़ोर देते रहे हैं और सभी तरह के भागीदारों की हिस्सेदारी में बदलाव लाते हुए एक ऐसा इको-सिस्टम तैयार कर रहे हैं जो पूरी तरह से पारदर्शी हो.”

कुछ साल पहले माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा धारा 377 को ग़ैर-क़ानूनी ठहराए जाने के बाद समलिंगी संबंधों को मान्यता प्राप्त हो गई है. ऐसे में इस आदेश के बाद डेंजरस देश में बनी पहली समलिंगी क्राइम/एक्शन/लव स्टोरी फ़िल्म है. फ़िल्म का निर्माण ट्रिकी मीडिया के तहत राम गोपाल वर्मा द्वारा किया गया है. उल्लेखनीय है कि फ़िल्म में ब्यूटी क्वीन नैना गांगुली और अप्सरा रानी मुख्य भूमिकाओं में हैं.

डेंजरस सिनेमाघरों के साथ साथ स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म पर भी पे-पर-व्यू मॉडल के आधार पर रिलीज की जाएगी. इस फ़िल्म की रिलीज़ से होनेवाला मुनाफ़ा सभी साझेदारों में उनके निवेश के आधार पर उन्हें बांटा जाएगा. इस फ़िल्म को टोकन ख़रीदकर, रुपये अथवा डॉलर देकर भी देखा जा सकेगा. इसके अलावा क्रिप्टो करंसी और डेंजर टोकन्स के ज़रिए भी इसका लुत्फ़ उठाया जा  सकता है.

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